दिनांक 28/03/2022 , दिन-सोमवार को आर एस मोर महाविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय सभागार में "रूस-यूक्रेन युद्ध: तीसरे विश्वयुद्ध की संभावना" विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आइआइटी आईएसएम धनबाद के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ प्रमोद पाठक थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने की।
अपने शुरुआती संबोधन में प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि किसी भी प्रकार का युद्ध विभीषिका लेकर आता है। छोटे मुद्दों पर देशों का अतार्किक व्यवहार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को युद्ध की आग में जला देता है।संयुक्त राष्ट्र संघ की विफलता भी युद्व का एक कारण है। उन्होंने कहा कि युद्व के दौरान मानव अधिकार कुचल दिए जाते हैं। अमेरिका की कूटनीति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इस युद्व के लिए उनकी दूसरी देशों में हस्तक्षेप की नीति काफी हद तक जिम्मेदार है। उन्होंने कहा की वसुधैव कुटुम्बकम की भारत की अवधारणा को आत्मसात कर ही विश्व शांति स्थापित की जा सकती है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ प्रमोद पाठक ने कहा कि "कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय या खाए बौराए जग, वा पाए बौराए" अर्थात सोना धतूरे से सौ गुना नशा उत्पन्न करता है वहीं सत्ता सोने से भी हजार गुना नशा मादकता उत्पन्न करता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य की सत्ता एवं शक्ति प्राप्त करने की लालसा ही युद्धों को जन्म देती है।उन्होंने कहा कि अमेरिका की विश्व बाजार पर कब्जा की नीति ने विश्व शान्ति को काफी हद तक प्रभावित किया है। उन्होंने कहा वर्तमान में जारी इस युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी। आनेवाला समय भयावह है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने कमोबेश सही स्टैंड इस संबंध में लिया है। आनेवाले 10-15 दिन निर्णायक है। हालांकि विश्वयुद्ध की संभावना से उन्होंने इनकार किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ राजेंद्र प्रताप ने कहा कि युद्ध मानव के लिए अभिशाप है। यह विनाश लेकर आता है। डॉ अजित बर्णवाल ने इस अवसर पर कहा कि हिंसा का समाधान वार्ता में है। बिना वार्ता के विश्व शांति स्थापित नहीं कि जा सकती। कार्यक्रम को डॉ अवनीश मौर्या ने भी संबोधित किया। छात्रों में अनुपमा बिश्टु एवं वैभव कुमार ने भी अपने उद्गार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ कुहेली बनर्जी ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ रत्ना कुमार, डॉ श्याम किशोर सिंह, डॉ स्नेहलता तिर्की,प्रो0 अवनीश कुमार, प्रो0 तरुण कांति खलको, डॉ अमित प्रसाद, डॉ सूर्यनाथ सिंह, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 प्रकाश प्रसाद, प्रो0 सत्य नारायण गोराई, प्रो0 विनोद एक्का, प्रो0 स्नेहलता होरो, प्रो0 रागिनी शर्मा, प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 पूजा कुमारी एवं अन्य उपस्थित थे।