दिनांक 03.09.22 दिन शनिवार को आज़ादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत महाविद्यालय सभागार में " भारत @2047: विश्व महाशक्ति की रणनीति एवं संभावना" विषयक सेमिनार का आयोजन महाविद्यालय इतिहास विभाग, अर्थशास्त्र विभाग एवं राजनीति शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आईआईटी आईएसएम धनबाद के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ प्रमोद पाठक थे। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत वैश्विक महाशक्ति प्रत्येक नागरिक के अंदर जीवटता, कर्मठता, सहजता एवं सजगता के माध्यम से ही बन सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रत्येक नागरिक खुद के कर्तव्यों का पूर्णतया पालन नहीं करेंगे तब तक भारत महाशक्ति नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि भारत तमाम उतार-चढ़ाव के बीच महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस लक्ष्य को 2047 तक हासिल कर सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सैन्य शक्ति में चौथा सबसे बड़ा ताकतवर देश है। विश्व की सर्वाधिक युवा शक्ति वाला एक ऐसा देश है, जो विकास को तेजी से आगे ले जाने में सक्षम है। सटीक एवं कारगर कूटनीति के परिणामस्वरूप विश्व मंच पर भारत की स्थिति निरंतर मजबूत होती जा रही है।ऐसे में भारत निश्चित रूप से महाशक्ति बनेगा ।
अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक प्रो0 त्रिपुरारी कुमार ने इस अवसर पर कहा कि कोरोना काल में विश्व ने भी भारत के फार्मास्युटिकल और आइटी उद्योग का लोहा माना है। विश्व के चौथे पायदान पर खड़ा भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी धमक दिखा रहा है। तेजी से विस्तार लेती आधारभूत संरचना और प्रशिक्षित श्रमिकों की बढ़ती संख्या भारत को विनिर्माण हब के रूप में विकसित करने में सक्षम हैं। भारत की बढ़ती आर्थिक विकास की दर भी विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है। बदलती आर्थिक स्थितियों में विदेशी निवेश की गति बढ़ रही है। विनिर्माण से सूचना तकनीक तक, केमिकल उद्योग से इलेक्ट्रानिक उद्योग तक, कृषि क्षेत्र से सेवा क्षेत्र तक सभी प्रतिरूपों में भारत विश्व मानचित्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। ऐसे में भारत विश्व पटल पर निश्चित रूप से सितारे के रूप में उभरेगा।
इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक प्रो0 अविनाश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि हाल में आस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा जारी 'एशिया पावर इंडेक्स-2021' के अनुसार भारत विश्व के ताकतवर देशों में अमेरिका, चीन और जापान के बाद चौथे स्थान पर है। भारतीय सैन्य क्षेत्र का तेजी से आधुनिकीकरण हो रहा है, जिससे न केवल रक्षा उपकरणों के निर्माण में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि विदेशी निवेश भी बहुत बढ़ रहा है। आज भारत की सेना किसी भी शक्ति को चुनौती देने में सक्षम है।
राजनीति शास्त्र विभाग के डॉ अवनीश मौर्या ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के दिन देश के नागरिकों को पांच संकल्प दिलाएं हैं, जिनके तहत हर व्यक्ति अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ेगा तो निश्चित रूप से भारत दुनिया की महाशक्ति बनेगा। आने वाले समय मे भारत दुनिया का नेतृत्वकर्ता होगा।
कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ कुहेली बनर्जी ने किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ अजित कुमार बर्णवाल ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ रत्ना कुमार, डॉ अमित प्रसाद, डॉ प्रकाश प्रसाद, प्रो0 सुमिरन कुमार रजक,प्रो0 सत्य नारायण गोराई, प्रो0 रागिनी शर्मा, प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 पूजा कुमारी, प्रो0 स्नेहलता होरो, प्रधान सहायक मो0 शारिक, प्रदीप कुमार महतो, सुजीत मंडल, एतवा टोप्पो, रतन टोप्पो एवं अन्य शामिल थे।