आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला के अंतर्गत आर एस मोर महाविद्यालय,गोविन्दपुर के अर्थशास्त्र विभाग तथा वाणिज्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में "वित्तीय साक्षरता" विषय पर शुक्रवार , दिनांक -04.03.2022 को विभागीय सेमिनार महाविद्यालय सभागार में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इंडियन बैंक गोविन्दपुर के उप -शाखा प्रबंधक चंदन कुमार गुप्ता एवं इंडियन बैंक , गोविन्दपुर के विशेष सहायक राजेश कुमार थे।
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने मुख्य वक्ताओं को स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व पर लिखी पुस्तक को भेंट कर की। अपने शुरुआती संबोधन में प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि इस आर्थिक युग में लोग बड़ी मुश्किल से जीवन यापन कर पैसे बचाते हैं, लेकिन वित्तीय साक्षरता के अभाव में चंद मिनटों में उनके जीवन की सारी कमाई डूब जाती है। पैसा कहां निवेश करें है, कब करें है और कैसे करें आदि की जानकारी के अभाव में उनकी जिंदगी भर की कमाई शून्य तक हो जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी आयोजनों से छात्रों को वास्तविक जीवन में काफी कुछ सीखने को मिलता है।
छात्रों को संबोधित करते हुए इंडियन बैंक गोविन्दपुर के उप शाखा प्रबंधक चंदन कुमार गुप्ता ने शेयर मार्केट, म्यूचअल फंड, विनिवेश, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना आदि की जानकारी दी।उन्होंने प्रतिभूति बाजार के बुनियादी समझ से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया।
इंडियन बैंक के विशेष सहायक राजेश कुमार ने इस अवसर पर स्टाक मार्केट के दो अंग प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट, म्यूचअल फंड, गोल्ड, फिक्स्ड डिपाजिट व रियल स्टेट में निवेश करने के तरीके के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इंडियन बैंक गोविन्दपुर में जीरो बैलेंस बैंक एकाउंट छात्रों से खोलने की अपील भी की।
डॉ अजीत कुमार बर्णवाल ने इस अवसर पर कहा कि महंगाई निवेश को प्रभावित करती है। व्यक्ति धन इकट्ठा करता है किन्तु उसका आहरण उत्तराधिकारी करता है। निवेश समय सीमा के आधार पर लिंक होना चाहिए। व्यक्ति के पास महंगाई और कर पर नियंत्रण नहीं है। या तो महंगाई कम हो या फिर कर की दर कम हो। दुनिया में बड़ी से बड़ी कम्पनी में कारोबार को बढ़ाने में जन भागीदारी आवश्यक है। व्यक्ति धन व्यापार को बढ़ावा देने के लिए निवेश करता है। निवेश को बढ़ाने के लिए दीर्घावधि की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ अमित प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में सैंकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ श्याम किशोर सिंह, अर्थशास्त्र के प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, डॉ रत्ना कुमार, डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ शबनम परवीन, प्रो0 सत्य नारायण गोराई, डॉ अवनीश मौर्या, डॉ सूर्यनाथ सिंह, प्रो0 प्रकाश प्रसाद, प्रो0 स्नेहलता होरो, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 रागिनी शर्मा,मो0 शारिक, प्रदीप महतो, सुजीत मंडल, एतवा टोप्पो, रतन टोप्पो, मनोज तिर्की एवं अन्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही।