गोबिंदपुर आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर में स्टार्टअप और रोजगार के अवसर विषयक एक दिवसीय परिचर्चा महाविद्यालय सभागार में आयोजित की गई. प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्टार्टअप देश को नया आयाम दे सकता है. आने वाले दिनों में स्टार्टअप इंडिया, देश के भविष्य के लिए स्टैंडअप इंडिया होगा हम स्टार्टअप के मामले में पहले नबंर पर आ सकते हैं. निजीकरण के इस दौर में सरकारी क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं सीमित होती जा रही हैं ऐसे में युवाओं द्वारा स्टार्टअप कार्यक्रमों को अपनाकर स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि आज युवाओं के सामने बड़ी चुनौती बेरोजगारी नहीं बल्कि कौशल विकास का अभाव है कौशल विकास के अभाव में पढ़े-लिखे नौजवान बेरोजगार घूम रहे हैं ऐसे में रोजगार के क्षेत्र में स्टार्टअप एक विकल्प है. उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में स्टार्टअप के उत्थान पर विशेष बल दिया जाएगा ताकि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को विशेष लाभ हो. भारत में स्टार्ट-अप केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि नए उभरते 40 प्रतिशत स्टार्ट-अप देश के दूसरी और तीसरी कैटेगरी के शहरों से सामने आ रहे हैं भारत स्टार्टअप पारिस्थितिकी के मामले में ‘युवा का, युवा द्वारा, युवाओं के लिए’के मंत्र पर काम कर रहा है
परिचर्चा में उपस्थित इंडसइंड बैंक गोविंदपुर के मैनेजर शशांक ठक्कर ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों. प्राध्यापक डॉ अमित प्रसाद ने कहा कि स्टार्टअप की दुनिया की सबसे बड़ी यूएसपी (काम करने का तरीका) इनकी विघटन और विविधीकरण की क्षमता है विघटन इसलिए, क्योंकि वे नई सोच, नई तकनीक और नए तौर तरीकों को जन्म दे रहे हैं;
परिचर्चा में डॉ रत्ना कुमार, डॉ अजित कुमार वर्णवाल, डॉ सूर्यनाथ सिंह, डॉ कुहेली बनर्जी, डॉ नीना कुमारी, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 प्रकाश कुमार प्रसाद, प्रो0 विनोद एक्का, प्रो0 सत्यनारायण गोराई, इक़बाल अंसारी, राकेश ठाकुर, राजकुमार पाल, स्नेहलता होरो, महाविद्यालय प्रधान सहायक मो0 शारिक, सुजीत मंडल, प्रदीप महतो एवं अन्य उपस्थित थे!