आर एस मोर कॉलेज गोविंदपुर में शुक्रवार को संविधान दिवस एवं 26/11 के आतंकी हमले की वर्षी के अवसर पर संगोष्ठी एवं शहीद सम्मान सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी संजीव कुमार, सौम्या सागरिका एवं व्यवसायी राजेश जालान थे। कॉलेज प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने संविधान दिवस एवं 26/11 हमले की वर्षी पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा संविधान सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह ही नहीं है, बल्कि हमारा संविधान सहस्रों वर्षों की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है. राष्ट्र सर्वोपरि था, इसलिए संविधान का निर्माण किया गया।। उन्होंने छात्रों को संविधान के प्रस्तावना की शपथ भी दिलाई।
प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने 26/11 के हमले में मारे गए शहीदों को याद करते हुए कहा कि मुम्बई में 26/11 के आतंकी हमलों में शहीद हुए जवानों के साथ आज भी देश के लोग खड़े है। भारत के जिन वीर सपूतों ने जान देकर आतंकितयों को मंसूबों को नाकाम किया था, उन्ही जवानों की शहादत आज भी युवा वर्ग के जेहन में ताजा है।
समाजसेवी संजीव कुमार ने इस अवसर पर कहा कि आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आज मैं उन बलिदानियों को आदरपूर्वक नमन करता हूं।
सौम्या सागरिका ने इस अवसर पर कहा कि मुंबई पर 26 नवंबर को हुए आतंकी हमले की 13वीं बरसी पर हम उन मासूमों की जान को याद करते हैं, जिन्हें हमने गंवा दिया। उन हमलों में जान गंवाने वाले सभी लोगों को उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने 26/11 के हमलों के दौरान अनुकरणीय साहस का परिचय दिया। मैं उनकी बहादुरी और बलिदान को सलाम करती हूं। सौम्या सागरिका के पत्रों के आधार पर हाल ही में द पोस्टबोक्स कश्मीर नामक किताब पेंगुइन प्रकाशन से प्रकाशित की गई है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ रत्ना कुमार, डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ अजित कुमार बर्णवाल, डॉ अमित प्रसाद, डॉ सूर्यनाथ सिंह,डॉ कुहेली बनर्जी, प्रो0 सत्य नारायण गोराई, प्रो0 प्रकाश प्रसाद, प्रो0 विनोद एक्का, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 रागिनी शर्मा, प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 स्नेहलता होरो, प्रदीप महतो, सुजीत मंडल, मनोज तिर्की, रतन टोप्पो एवं अन्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा।