कारगिल विजय दिवस की 22 वी वर्षगांठ पर आर0 एस0 मोर महाविद्यालय गोविंदपुर में "कारगिल विजय दिवस : शहीदों को श्रद्धांजलि" विषयक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन
दिनांक 26.07.2021, दिन -सोमवार को आर0 एस0 मोर महाविद्यालय गोविंदपुर में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर "कारगिल विजय दिवस:शहीदों को श्रद्धांजलि" विषयक एकदिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान से किया गया। वेबिनार के मुख्य अतिथि बीबीएमकेयू,धनबाद के रजिस्ट्रार कर्नल एम0 के0 सिंह एवं आईआईटी/आईएसएम धनबाद के प्रबंधन विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ प्रमोद पाठक थे।
कार्यक्रम के शुरुआती संबोधन में आर0 एस 0 मोर कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रवीन सिंह ने कहा कि आज के समय मे राष्ट्रीय सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण हो गयी है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। साल 1999 में कारगिल युद्ध में देश के वीर-जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य शौर्य और वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान के करीब 3 हजार सैनिकों को मार गिराया था। यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था। प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने यह भी कहा कि इस युद्ध मे हमारे 527 वीर जवानों ने भी अपने प्राणों की आहुति दी, उनकी बहादुरी हर एक दिन भारतीयों को प्रेरित करती है। उन्होंने छात्रों से राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना का आह्वान भी किया।
इस अवसर पर वेबिनार को संबोधित करते हुए डॉ प्रमोद पाठक ने कहा कि इस विजय दिवस को विजय के साथ साथ चेतावनी दिवस के रूप में भी मनाने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि भारत के प्रमुख पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन भारत से मित्रवत भावना की जगह ईष्या की भावना रखते है। ऐसे में हमें चौकन्ना रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के अनुभव लेकर हमें भविष्य के लिए भी तैयार रहना होगा। भविष्य के युद्ध और भी घातक और अप्रत्याशित होंगे।
बीबीएमकेयू के रजिस्ट्रार कर्नल एम0 के0 सिंह ने अपने संप्रेषित संदेश में कहा कि मैं उन वीर भारतीय सैनिकों को नमन करता हूं जिन्होंने कारगिल युद्व में दुश्मन देश के सैनिकों का डटकर मुकाबला किया और भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, राष्ट्र सदा के लिए उनका और उनके परिवार जनों का कृतज्ञ है।उन्होंने यह भी कहा कि कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं, यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है, इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर एस मोर कॉलेज के प्रोफेसर डॉ राजेन्द्र प्रताप ने कहा कि भारत वीर योद्धाओं की भूमि है। भारत ने हमेशा कड़ा संघर्ष किया है और दुश्मनों को हमेशा धूल चटाई है। इसका एक ताजा उदाहरण कारगिल युद्ध के रूप में देखा जा सकता है। दुश्मन के खंजर का हमने इस युद्व में माकूल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हम शहीद जवानो के बलिदानों को याद करते हैं। हम उनकी वीरता को याद करते हैं। आज, कारगिल विजय दिवस पर हम उन सभी को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने हमारे देश की रक्षा करते हुए कारगिल में अपनी जान गंवाई। वो हमेशा हमारे लिए प्रेरणादायी रहेंगे।
कार्यक्रम का संचालन आर एस मोर कॉलेज की वाणिज्य विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ कुहेली बनर्जी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन भौतिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ राजेन्द्र प्रताप ने दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सैंकड़ों छात्र-छात्रायें उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अमित प्रसाद, प्रो0 सुभाष दा, प्रो0 मनोरंजन महतो, डॉ श्याम किशोर सिंह, डॉ रत्ना कुमार, डॉ अजित वर्णवाल, डॉ शबनम प्रवीण, प्रो0 प्रकाश प्रसाद, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 सत्यनारायण गोराई, डॉ अवनीश मौर्या, प्रो0 विनोद एक्का, डॉ सूर्यनाथ सिंह, प्रो0 रागिनी शर्मा, प्रो0 इक़बाल अंसारी ,प्रधान सहायक मो0 शारिक, सुजीत मंडल एवं अन्य ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।