आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर में आज महाविद्यालय सभागार में एक्यूप्रेशर एवं स्वस्थ जीवन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला के मुख्य वक्ता सफल इंडियन आर्गेनाइजेशन कोलकाता के ट्रेनर संजय दोलाई थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक्यूप्रेशर और स्वस्थ जीवन एक्यूप्रेशर प्राचीनतम चिकित्सा-पद्धतियों में से एक है। यह पूर्णतया प्राकृतिक उपचार पर आधारित है। यह एक सरल, प्रभावकारी एवं सुरक्षित चिकित्सा-पद्धति है। शरीर के अधिकांश महत्त्वपूर्ण अंगों के प्रतिबिंब-केंद्र हथेलियों एवं तलवों में पाए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि दरअसल, हमारे शरीर के मुख्य अंगों के दबाव केंद्र यानी प्रेशर पॉइंट्स पैरों के तलवे में और हथेलियों में होते हैं।अगर इन दबाव केंद्रों की मालिश की जाए तो शरीर का जो प्रेशर पॉइंट जिस अंग को प्रभावित करता है उससे जुड़ी बीमारी में इससे राहत मिल सकती है। उदाहरण के लिए- हृदय का प्रेशर पॉइंट बाएं पैर में होता है और इस बिंदु पर नर्म मालिश हृदय से जुड़ी बीमारी के इलाज में मदद कर सकती है।
एक्यूप्रेशर, शरीर की स्वयं को ठीक और व्यवस्थित करने की क्षमता को जगाने के लिए संकेत भेजने की एक तकनीक है। जिस तरह योग में प्राण (जीवनशक्ति) को बहुत महत्व दिया जाता है उसी तरह इस पारंपरिक उपचार एक्यूप्रेशर में जीवन ऊर्जा को सबसे अहम माना जाता है। हमारे शरीर के अंदर इस जीवन ऊर्जा का प्रवाह कुछ नलिकाओं का माध्यम से होता है। ऊर्जा के इस प्राकृतिक प्रवाह में किसी तरह की रुकावट या असंतुलन ही बीमारी या दर्द का कारण बनता है।एक्यूप्रेशर के माध्यम से इस रुकावट या असंतुलन को सही करके जीवन ऊर्जा के प्रवाह में सुधार लाया जाता है जिससे शरीर फिर से स्वस्थ हो जाता है।
कार्यक्रम में मंच संचालन अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक प्रो0 त्रिपुरारी कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय वाणिज्य विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अमित प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ अवनीश मौर्या, डॉ कुहेली बनर्जी, डॉ त्रिवेणी महतो, प्रो0 विनोद एक्का, प्रो0 सत्य नारायण गोराई, प्रो0 अंजू कुमारी, मो0 शारिक, प्रदीप महतो, रतन टोप्पो, शंकर रविदास, सुजीत मंडल, एस एन चौधरी ,राकेश श्रीवास्तव,दयामय मंडल,सोमनाथ प्रसाद एवं अन्य उपस्थित थे।