दिनांक 23/05/23 को आर०एस०मोर महाविद्यालय में इतिहास विभाग के द्वारा "भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका" विषय पर विभागीय सेमिनार का आयोजन किया गया।जिसमें इतिहास विभाग के सेमेस्टर-02,04 एवं06 के छात्र-छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।इस सेमिनार में कुल 39 छात्र-छात्राएं अपने लेख प्रस्तुत किये।
सेमिनार की शुरुआत करते हुए इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो0 अविनाश कुमार ने कहा कि महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह एवं अहिंसा को व्यावहारिक जीवन में प्रयोग कर देश को स्वतंत्रता दिलाई।प्रथम महायुद्ध के बाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम एवं राजनीति में अनेक गुणात्मक परिवर्तन आये। महात्मा गाँधी ये गुणात्मक परिवर्तन करने वाले राष्ट्रीय नेताओं में अग्रणी थे। 1919 के बाद स्वतंत्रता प्राप्ति तक महात्मा गाँधी भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन एवं राजनीति में सर्वप्रमुख नेता बने रहे।
इस अवसर पर प्रो0 सत्य नारायण गोराई ने कहा कि वर्ष 1915 में भारत आगमन के साथ ही महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन को नेतृत्त्व प्रदान कर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 19वीं सदी के अंत व 20वीं सदी के प्रारंभ में स्वतंत्रता संघर्ष में अनेक विचारधाराओं व व्यक्तियों का योगदान रहा है। जिसमें महात्मा गांधी सर्वोपरि हैं। प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने छात्र-छात्राओं को बधाई प्रेषित करते हुए कहा कि उनकी ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सेदारी महाविद्यालय के शैक्षणिक माहौल में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा। आर एस मोर महाविद्यालय शीघ्र ही झारखंड के अग्रणी महाविद्यालयों में शुमार होगा।
प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह, महाविद्यालय प्रोफेसर इन चार्ज डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ संजू कुमारी, डॉ रत्ना कुमार, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ श्याम किशोर सिंह, डॉ अमित प्रसाद, डॉ अवनीश मौर्या, डॉ त्रिवेणी महतो, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 विनोद एक्का ने इस अवसर पर इतिहास विभाग को इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी ।