आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर के महाविद्यालय सभागार में आज "आधुनिक भारत के निर्माण में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का योगदान" विषयक एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन महाविद्यालय इतिहास , अर्थशास्त्र एवं राजनीतिशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बिहार स्टेट मिनरल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आई डी पासवान थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने की। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह एवं मुख्य वक्ता श्री आई डी पासवान के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई।
अपने स्वागत संबोधन में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि . भीमराव अम्बेडकर भारत के आधुनिक निर्माताओं में से एक हैं। उनके विचार व सिद्धांत भारतीय राजनीति के लिए हमेशा से प्रासंगिक रहे हैं। दरअसल वे एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था के हिमायती थे, जिसमें राज्य सभी को समान राजनीतिक अवसर दे तथा धर्म, जाति, रंग तथा लिंग आदि के आधार पर भेदभाव न करे। उनका यह राजनीतिक दर्शन व्यक्ति और समाज के परस्पर संबंधों पर बल देता है। उन्होंने यह भी कहा कि अम्बेडकर का सम्पूर्ण जीवन भारतीय समाज में सुधार के लिए समर्पित था।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बिहार स्टेट मिनरल डेवेलपमेंट कारपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर आई डी पासवान ने इस अवसर पर कहा कि डॉ अम्बेडकर भारतीय समाज में स्त्रियों की हीन दशा को लेकर काफी चिंतित थे। उनका मानना था कि स्त्रियों के सम्मानपूर्वक तथा स्वतंत्र जीवन के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। अम्बेडकर ने हमेशा स्त्री-पुरुष समानता का व्यापक समर्थन किया। यही कारण है कि उन्होंने स्वतंत्र भारत के प्रथम विधिमंत्री रहते हुए ‘हिंदू कोड बिल’ संसद में प्रस्तुत किया और हिन्दू स्त्रियों के लिए न्याय सम्मत व्यवस्था बनाने के लिए इस विधेयक में उन्होंने व्यापक प्रावधान रखे।
उन्होंने यह भी कहा कि अम्बेडकर के सामाजिक चिन्तन में अस्पृश्यों, दलितों तथा शोषित वर्गों के उत्थान के लिए काफी संभावना झलकती है। वे उनके उत्थान के माध्यम से एक ऐसा आदर्श समाज स्थापित करना चाहते थे, जिसमें समानता, स्वतंत्रता तथा भ्रातृत्व के तत्व समाज के आधारभूत सिद्धांत हों। अगर इनके विचारों को अमल में लायें तो समाज की ज्यादातर समस्याएँ जैसे वर्ण, जाति, लिंग, आर्थिक, राजनैतिक व धार्मिक सभी पहलुओं पर पैनी नजर रखी जा सकती है। साथ ही न्यू इंडिया के लिए एक नया मॉडल व डिजाइन भी तैयार किया जा सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 अविनाश कुमार ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के प्रबल पक्षधर थे। महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के उनके सिद्धांत आज समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक प्रो0 त्रिपुरारी कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजीत कुमार बर्णवाल के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ रत्ना कुमार, डॉ कुसुम रानी, डॉ नीना कुमारी, डॉ कुहेली बनर्जी, डॉ अमित प्रसाद , डॉ त्रिवेणी महतो, डॉ अवनीश मौर्या, प्रो0 स्नेहलता तिर्की, प्रो0 तरुण कांति खलखो, प्रो0 विनोद एक्का, प्रो0 सत्यनारायण गोराई, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 स्नेहलता होरो, शंकर रविदास, मनोज तिर्की, सुजीत मंडल एवं अन्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा।