आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर में आज महाविद्यालय सभागार में "आज़ादी का प्रथम संग्राम" विषयक सेमिनार एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय इतिहास विभाग के द्वारा किया गया।
प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि 1857 का विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का आगाज़ था।यह उपनिवेशवाद के अंत की शुरुआत थी।उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति देश की आजादी के लिए किया गया प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था। इसे कहीं पर सैनिक विद्रोह के नाम से पढ़ाया जा रहा है और कहीं इसे गदर बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उपनिवेशवाद भले ही समाप्त हो गया हो परन्तु नव उपनिवेशवाद आर्थिक रूप में विकासशील देशों में दस्तक देने लगा है। इस नव उपनिवेशवाद से भी सावधान रहने की जरूरत है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो0 अविनाश कुमार ने कहा कि 10 मई 1857 को मेरठ के 85 सिपाहियों ने आज़ादी की रणभेरी बजा दी।बहादुर शाह जफर को शहंशाह ए हिंदुस्तान घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि इस विद्रोह में किसानों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सत्य नारायण गोराई ने इस अवसर पर कहा कि उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक सेना में 87 प्रतिशत भारतीय थे। मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को गाय एवं सुअर वाली चर्बी वाले कारतूस चलाने से इंकार कर दिया और इसी के साथ अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की ज्वाला भड़क उठी। स्वतंत्रता संग्राम की यह चिगारी जो स्वाधीनता के रूप में काफी लंबे समय तक चली।
कार्यक्रम का मंच संचालन प्रो0 तरुण कांति खलखो ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजीत कुमार बर्णवाल ने किया।
इस अवसर पर छात्रों के लिए भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। भाषण प्रतियोगिता में इतिहास विभाग जी सपना दत्ता को प्रथम स्थान, राजनीतिविज्ञान विभाग की अनुपम बिश्टु को द्वितीय स्थान एवं इतिहास की आंचल कुमारी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। विजेताओं को प्रशस्ति पत्र देकर प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ संजू कुमारी, डॉ रत्ना कुमार, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ नीना कुमारी, डॉ कुसुम रानी, डॉ अवनीश मौर्या,डॉ अमित प्रसाद, डॉ त्रिवेणी महतो,प्रो0 स्नेहलता तिर्की, प्रो0 प्रकाश प्रसाद, प्रो0 अंजू कुमारी, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 विनोद एक्का, प्रो0 रागिनी शर्मा, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 स्नेहलता होरो, प्रो0 पूजा कुमारी , मो0 शारिक, प्रदीप महतो, सुजीत मंडल एवं अन्य उपस्थित थे।