आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर एवं सामाजिक संस्था विकास फोरम के संयुक्त तत्वावधान में आज आर एस मोर महाविद्यालय सभागार में त्रिस्तरीय भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर यह प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में 8 वी से 10 वी, 11 वी एवं 12 वी तथा स्नातक स्तर के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। भाषण प्रतियोगिता का विषय "स्वामी विवेकानंद :युवाओं के प्रेरणास्रोत" एवं "भारत के नवनिर्माण में स्वामी विवेकानंद की भूमिका" था।
8 वी से 10 वी स्तर के छात्रों की प्रतियोगिता में पायल दास, आनंदी विश्वकर्मा, भारती कुमारी, शिवम राज, कनक सेन एवं शीतल कुमारी विजेता घोषित किये गए। 11 वी एवं 12 वी स्तर के छात्रों की प्रतियोगिता में मो0 अबुजर अंसारी, समीर कुमार दास, समीर भंडारी, नेहा परवीन एवं मो0 इरशाद हुसैन विजेता घोषित किये गए।
स्नातक स्तर के छात्रों के लिए आयोजित प्रतियोगिता में गोविंद महतो, जुबेदा खातून, डॉली कुमारी, तन्नू गुप्ता एवं स्मिता कुमारी विजयी रहे। विजेता छात्रों के बीच पुनः 12 जनवरी को भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन समाज के सभी व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का विषय है। स्वामी विवेकानंद के जीवन पथ पर चलकर हम भारत को पुनः विश्व गुरु बना सकते हैं।
इस अवसर पर सामाजिक संस्था विकास फोरम से विकास फोरम के उपाध्यक्ष बासुदेव गोस्वामी, सचिव एस एन लाल त्यागी, कोषाध्यक्ष शंकर रविदास, संगठन सचिव रामाकांत सिंह, सयुंक्त सचिव विमल शर्मा, कार्यकरणी सदस्य बैजनाथ राम, जिनी लाल रजक, कन्हैया प्रसाद सिंह, सिपाही सिंह, एवं प्लस टू हाई स्कूल की हिंदी प्राध्यापिका कंचन उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आर एस मोर महाविद्यालय के इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक प्रो0 अविनाश कुमार, प्रो0 सत्यनारायण गोराई, महाविद्यालय प्रोफेसर इन चार्ज डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ अजित कुमार बर्णवाल, डॉ रत्ना कुमार, डॉ श्याम किशोर सिंह, प्रो0 विजय आइन्द, प्रो0 सुमिरन रजक, प्रो0 तरुण कांति खलखो, प्रो0 स्नेहलता तिर्की, डॉ कुसुम रानी, डॉ अमित प्रसाद,प्रो0 प्रकाश प्रसाद, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0विनोद एक्का, डॉ अवनीश मौर्या, प्रो0 अंजू कुमारी, डॉ कुहेली बनर्जी, प्रो0 स्नेहलता होरो, प्रो0 रागीनी शर्मा, प्रो0 इक़बाल, प्रो0 राकेश ठाकुर प्रो0 पूजा कुमारी ,मो0 शारिक ,सुजीत मंडल एवं अन्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही।