आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर में आज दिनांक 28.01.2023 को महाविद्यालय प्राचार्य कक्ष में लाला लाजपत राय की जन्मतिथि पर संक्षिप्त परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने की।
अपने शुरुआती संबोधन में प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई में लाला लाजपत राय का विशेष स्थान था। राष्ट्रनिर्माण के लिए उनका योगदान अप्रतिम है।समाज और धार्मिक सुधार के लिए वे आर्य समाज से जुड़े रहे। देशवासियों और खास तौर से युवाओं के लिए वे आज भी एक प्ररेणास्रोत की तरह हैं।उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन’ के इतिहास में लाला लाजपत राय निर्णायक स्थान रखते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने भारत को एक महान देश के तौर पर खड़ा करने में लाला लाजपत राय ने अग्रणी भूमिका निभाई।
इस अवसर पर महाविद्यालय इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक प्रो0 अविनाश कुमार ने कहा कि लाला लाजपत राय को पंजाब केशरी के नाम से जाना जाता था। उन्होंने कहा कि जीवन भर ब्रिटिश हुकूमत का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले पंजाब केसरी लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक अहम सिपाही थे।उन्होंने कहा कि भारत के आकाश पर जब तक सूर्य का प्रकाश रहेगा, लाला जी जैसे व्यक्तियों की मृत्यु नहीं होगी, वे अमर रहेंगे।
इस अवसर पर महाविद्यालय प्रोफेसर इन चार्ज डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ रत्ना कुमार, डॉ श्याम किशोर सिंह, डॉ अजित कुमार बर्णवाल, प्रो0 तरुण कांति खलखो, प्रो0 सुमिरन रजक, डॉ कुसुम रानी, डॉ अवनीश मौर्या, प्रो0 प्रकाश प्रसाद, डॉ अमित प्रसाद, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, डॉ नीना कुमारी, प्रो0 विनोद एक्का, प्रो0 सत्य नारायण गोराई, प्रो0 स्नेहलता होरो, प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 रागिनी शर्मा, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 पूजा कुमारी, मो0 शारिक, सुजीत मंडल , एतवा टोप्पो, शंकर रविदास, मनोज तिर्की एवं अन्य उपस्थित थे।