आर एस मोर कॉलेज गोविंदपुर में आज आज़ादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का आयोजन किया गया।
प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने इस अवसर पर कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 1977 से 18 मई को इस तथ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है कि "संग्रहालय सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन और आपसी समझ, सहयोग और लोगों के बीच शांति के विकास का एक महत्वपूर्ण साधन हैं"। उन्होंने यह भी कहा कि संग्रहालय हमारे अतीत की झलकियों को प्रदर्शित करते हैं। प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि महाविद्यालय से छात्रों को झारखंड संग्रहालय राँची , कोलकाता , पटना एवं अन्य संग्रहालयों का दौरा भी कराया जाएगा। छात्रों में दुर्लभ कृतियों के संग्रह की प्रवृत्ति को भी बढ़ाया जाएगा।
महाविद्यालय प्रोफेसर इन चार्ज डॉ राजेन्द्र प्रताप ने इस अवसर पर कहा कि आजकल गूगल पर कई सारे संग्रहालयों के ऑनलाइन टूर करवाये जाते हैं, ऐसे में आप अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर ये कर सकते हैं. कोरोना के कारण देश-विदेश के कहीं के भी संग्रहालय जाना तो संभव नहीं है लेकिन घर बैठे यदि संग्रहालय देखने का इस तरह का मौका मिल रहा है तो उसे खाली नहीं जाने दें. ऑनलाइन म्यूजियम टूर में भारत के किसी भी सरकार की देखरेख में आने वाले संग्रहालय का टिकट नहीं लगता है।
डॉ रत्ना कुमार ने इस अवसर पर कहा कि वैश्विक स्तरपर हम हर देश के अपने अपने इतिहास के खूबसूरत पुराव,वस्तुएं संस्कृतियों कलाकृतियां संस्कृति, प्राकृतिक विज्ञान मानव विज्ञान विधियों, प्राणी विज्ञान, को अपने-अपने राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान या अन्य प्रकार के संग्रहालय में उम्र में उनकी सुरक्षा, व्याख्या और उद्देश्य हेतु संवर्धन, संग्रह करना, उनके महत्व का प्रसार करना तथा राष्ट्रीय पहचान के प्रतीक के रूप में कार्य करना संग्रहालय का खूबसूरत काम होता है, जिसके कारण उन देशों के नागरिकों को हजारों वर्ष पूर्व के ज्ञान का बोध होता है।अपने देश की संस्कृति, अपने पूर्वजों के जीवन यापन और हजारों वर्ष पूर्व के हर विज्ञानों का बोध संग्रहालय के द्वारा ही होता है जो विशेष उल्लेखनीय उपलब्धि है । हम आज के आधुनिक युग में हजारों वर्ष की पूर्व कि मानवीय और अन्य योनियों के जीवन यापन और प्रयोग में लाई वस्तुओं को देख सकते है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ अजित कुमार बर्णवाल, डॉ कुहेली बनर्जी, डॉ कुसुम रानी, प्रो0 प्रकाश कुमार प्रसाद, प्रो0 तरुण कांति खलखो, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 स्नेहलता तिर्की, प्रो0 अविनाश कुमार , प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रदीप महतो, सुजीत मंडल एवं अन्य उपस्थित थे।