आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर में शिक्षक दिवस के अवसर पर महाविद्यालय सभागार में आज़ादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत महाविद्यालय मनोविज्ञान विभाग के द्वारा "शिक्षक देश के निर्माणकर्ता" विषयक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।गुरु शिष्य परंपरा विषय पर कविता प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। साथ ही निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। प्रतियोगिता का उद्घाटन महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
उन्होंने अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि अच्छा शिक्षक वो होता है जो सौम्यता, सरलता, सहजता,सकारात्मकता, स्थिरता का गुण अपने अंदर समाहित किये हुए रहता है। उन्होंने अच्छे शिष्य के गुणों को उल्लेखित करते हुए कहा कि अच्छा छात्र वो होता है जो जिज्ञासा, नैतिकता,अनुशासन, तार्किकता के गुणों को अपने अंदर समेटे होता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज में उच्च आदर्श स्थापित करने वाला व्यक्तित्व होता है। किसी भी देश या समाज के निर्माण में शिक्षा की अहम् भूमिका होती है। कहा जाए तो शिक्षक ही समाज का आईना होता है।हिन्दू धर्म में शिक्षक के लिए कहा गया है कि 'आचार्य देवो भव:' यानी कि शिक्षक या आचार्य ईश्वर के समान होता है। यह दर्जा एक शिक्षक को उसके द्वारा समाज में दिए गए योगदानों के बदले स्वरूप दिया जाता है।
डॉ अजित कुमार बर्णवाल ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से ही पूज्यनीय रहा है। कोई उसे 'गुरु' कहता है, कोई 'शिक्षक' कहता है, कोई 'आचार्य' कहता है, तो कोई 'अध्यापक' या 'टीचर' कहता है। ये सभी शब्द एक ऐसे व्यक्ति को चित्रित करते हैं, जो सभी को ज्ञान देता है, सिखाता है और जिसका योगदान किसी भी देश या राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करना है।भाषण प्रतियोगिता में कुल 13 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। भाषण प्रतियोगिता में गोविंद महतो प्रथम, चांदमुनि द्वितीय एवं आरिफ हुसैन तथा सपना दत्ता तृतीय स्थान पर रहे।
चित्रकला प्रतियोगिता में आरज़ू खातून एवं मिताली मंडल ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। गुरू शिष्य परम्परा पर आयोजित काव्य पाठ में खुशी कुमारी एवं सपना दत्ता ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। निबंध प्रतियोगिता में अनामिका मंडल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। भाषण प्रतियोगिता का संचालन राजनीति शास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अवनीश मौर्या ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय प्रोफेसर इन चार्ज डॉ राजेन्द्र प्रताप ने किया। कार्यक्रम के संयोजक मनोविज्ञान विभाग के डॉ नीना कुमारी एवं प्रो0 प्रकाश कुमार प्रसाद थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ रत्ना कुमार,डॉ अजित कुमार बर्णवाल, डॉ श्याम किशोर सिंह,डॉ अमित प्रसाद, डॉ नीना कुमारी, प्रो0 प्रकाश कुमार प्रसाद, प्रो0 सत्य नारायण गोराई, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 विनोद एक्का, प्रो0 सुमिरन कुमार रजक, प्रो0 स्नेहलता होरो,प्रो0 इक़बाल अंसारी, मो0 शारिक, सुजीत मंडल, एतवा टोप्पो एवं अन्य उपस्थित थे।