आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर के वाणिज्य विभाग एवं इंडियन ओवरसीज बैंक, धनबाद संयुक्त तत्वावधान में आज महाविद्यालय सभागार में वित्तीय साक्षरता एवं वित्तीय प्रबंधन विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इंडियन ओवरसीज बैंक के रीजनल मैनेजर हरि रमण, इंडियन ओवरसीज बैंक,धनबाद के प्लानिंग एंड डेवेलपमेंट हेड फणीश त्रिपाठी, इंडियन ओवरसीज बैंक के सीनियर मैनेजर मो0 यूसुफ एवं इंडियन ओवरसीज बैंक धनबाद की मैनेजर आरती कुमारी थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि वित्तीय साक्षरता से व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन, बजट और निवेश सहित विभिन्न वित्तीय कौशल को समझने और लागू करने की क्षमता विकसित होती है। यह ज्ञान व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है ताकि वे वित्तीय स्थिरता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रभावी वित्तीय नियोजन, ऋण का उचित प्रबंधन, ब्याज की सही गणना और धन के समय मूल्य को समझना वित्तीय रूप से साक्षर होने की विशेषताएं हैं। वित्तीय साक्षरता के प्राथमिक सिद्धांतों में बजट सीखना, खर्च पर नज़र रखना, प्रभावी ढंग से ऋण का भुगतान करना और सेवानिवृत्ति की सही योजना शामिल है।
इंडियन ओवरसीज बैंक धनबाद के रीजनल मैनेजर हरि रमन ने इस अवसर पर कहा कि फाइनेंसियल लिट्रेसी के ज्ञान की कमी के कारण व्यक्ति धोखाधड़ी करने वाले वित्तीय संस्थानों या ठगों का शिकार हो सकते हैं और उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।फाइनेंसियल लिट्रेसी का पर्याप्त ज्ञान न होने से वित्तीय नुकसान देने वाली फ्रॉड वित्तीय संस्थाओं व धोखेबाजों की चाल का शिकार हो सकते है। वित्तीय साक्षरता यह जानने और समझने की शिक्षा और समझ है कि धन राशी आय के तौर पर कैसे बनाई या कमाई जा सकती है, उसे कैसे खर्च किया जा सकता है और कैसे बचाया जा सकता है। साथ ही वित्तीय संसाधनों का उपयोग करके किस तरह से उचित निर्णय लिया जाए।
इंडियन ओवरसीज बैंक के प्लानिंग एवं डेवेलपमेंट हेड फणीश त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि वित्तीय साक्षरता सभी प्रकार के आयु समूह, लिंग, वर्ग और सभी स्तर के लोगों के लिए उपयोगी और आवश्यक है। यह छात्रों, माता-पिता, युवाओं, बालिकाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, निर्भर व्यक्तियों और विभिन्न प्रकार के रोजगारशुदा व्यक्तियों, वेतनभोगी व्यक्तियों, कर्मचारियों, प्रबंधकों, नियोक्ताओं, व्यवसायियों, उद्यमियों और सभी प्रकार के लोगों के लिए उपयोगी है।
छात्रों के लिए वित्तीय मुद्दों का ज्ञान उन्हें बेहतर वर्तमान और भावी जीवन की योजना बनाने के लिए प्रेरित करेगा। अच्छी तरह से वित्तीय व आर्थिक मामलों की जानकारी रखने वाले व इस विषय में जागरूक छात्र भी अपने माता-पिता का मार्गदर्शन कर सकते हैं।उन्होंने मुद्रा लोन, प्रधानमंत्री बीमा योजना , प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना की जानकारी भी छात्रों को दी। इंडियन ओवरसीज बैंक धनबाद की मैनेजर आरती कुमारी ने इस अवसर पर कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति वित्तीय ज्ञान अच्छा रखता है या किसी के पास पर्याप्त वित्तीय साक्षरता है और उनकी आजीविका के स्थाई व नियमित साधन नहीं है वे अच्छी तरह से जीविकोपार्जन करने के लिए उपलब्ध आय से अपना कार्य चलाने में एक हद तक समर्थ होते हैं।
इस अवसर पर मो0 यूसुफ ने कहा कि लोगो में, समाज में बचत करने की आदत डालना और लोगो के अनावश्यक खर्चों को कम करने का ज्ञान देना फाइनेंसियल लिट्रेसी का महत्वपूर्ण हिस्सा है. बहुत बार अच्छी खासी आय वाले भी आर्थिक संकट का शिकार होते देखे गए है. इसकी मुख्य वजह उनकी आदते है. अनावशयक खर्चा करने की आदत से अच्छी खासी कमाई वाले भी महीने के आखरी दिनों में अभावग्रस्त देखे जाते है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ कुहेली बनर्जी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजित कुमार बर्णवाल के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ रत्ना कुमार, डॉ श्याम किशोर सिंह, डॉ अमित प्रसाद, प्रो0 सुमिरन कुमार रजक, डॉ कुसुम रानी, प्रो0 अविनाश कुमार, डॉ नीना कुमारी, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 प्रकाश कुमार प्रसाद, प्रो0 स्नेहलता तिर्की, प्रो0 तरुण कांति खलखो, डॉ अवनीश मौर्या, प्रो0 सत्य नारायण गोराई,प्रो0 अंजू कुमारी,प्रो0 विनोद कुमार एक्का, प्रो0 स्नेहलता होरो, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 रागिनी शर्मा, प्रो0 पूजा कुमारी,मो0 शारिक, प्रदीप कुमार महतो, सुजीत मंडल, रतन टोप्पो, एतवा टोप्पो एवं अन्य उपस्थित थे।