आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर में दिनांक 23/09/22 , दिन- शुक्रवार को महाविद्यालय सभागार में महाविद्यालय इतिहास विभाग एवं हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत "झारखंड के विकास में बिनोद बिहारी महतो का योगदान" विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने की। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित एवं उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर की गई।
अपनी बात रखते हुए महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि जीवन भर वे शोषित, पीड़ित, वंचितों के लिए काम करते रहे। उनका मूल सिद्धांत था लड़ना है तो पढ़ना सीखो।उन्होंने कहा कि बिना लड़े अधिकारों की प्राप्ति नहीं होती।उन्होंने कहा कि विनोद बिहारी महतो ने झारखंड आंदोलन को तेज करने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी का गठन किया था और उन्हीं के नेतृत्व में झारखंड अलग राज्य का लड़ाई लड़ा गया था।अतः उन्होंने ही झारखंड बनाने की मजबूत बुनियाद तैयार की।
उन्होंने कहा कि झारखंड के लिए दुर्भाग्य रहा कि अलग राज्य आंदोलन को मझधार मे छोड़ अचानक उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
इस अवसर पर प्रो0 अविनाश कुमार ने कहा कि . विनोद बिहारी महतो झारखंड राजनीति के भीष्म पितामह व सर्वमान्य नेता थे। छात्र जीवन से ही वे झारखंड आंदोलन में कूद पडे़। पढ़ो और लड़ो के नारे के साथ उन्होंने सामाजिक क्रांति लाई। वर्तमान परिदृश्य में उनके आदर्श व सिद्धांत प्रासंगिक हैं। उनका झारखंड के निर्माण में बहुमूल्य योगदान है।
प्रो0 सत्य नारायण गोराई ने इस अवसर पर कहा कि विनोद बाबू झारखंड को अलग राज्य बनाने का सपना देखते थे। उन्होंने आंदोलन की बुनियाद रखकर आंदोलन की अगुआई की। आंदोलन को मजबूत किया, इसके साथ ही शिक्षा के लिए युवा वर्ग को प्रेरित करते रहे, उन्होंने जल,जंगल व जमीन का नारा देकर समाज को उन्होंने जगाने का काम किया था।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शंकर रविदास ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मंच संचालन प्रो0 तरुण कांति खलखो ने किया।धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजित कुमार बर्णवाल के द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप सेडॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ रत्ना कुमार, डॉ कुसुम रानी, डॉ अवनीश मौर्या, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 पूजा कुमारी, प्रो0 स्नेहलता होरो, मो0 शारिक, प्रदीप महतो, एतवा टोप्पो, रतन टोप्पो, मनोज तिर्की, शिव नारायण चौधरी, सुजीत मंडल, दयामय मंडल एवं अन्य उपस्थित थे।